संविधान का कर्तव्य आर्थिक व दिव्यांग लोगों को प्राथमिकता देनाः त्रिवेन्द्र

सरकार उनके लिये होती है, जो सामाजिक रूप से पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर होते है। भारत का संविधान दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को प्राथमिकता देता है। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत हरिद्वार क्षेत्र के 450 वृद्ध दिव्यांगों को जीवन सहायक उपकरण भेंट करने के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व केन्द्रीय मंत्री गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र की हर योजना में उत्तराखण्ड को विशेष रूप से शामिल किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। पिछले चार वर्षों में 50 गुना अधिक शिविरों का आयोजन कर पात्र लोगों को लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को अधिक से अधिक मिल सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जिला प्रशासन को दिव्यांगों के कल्याण के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने एवं योजना से लाभान्वित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत या समस्या को टोल फ्री नम्बर 1905 पर दर्ज करा सकते है।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा 100 से अधिक विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाई गई है, जिनके माध्यम से लोगों को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वृद्ध दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाये है। केन्द्रीय मंत्री गहलोत ने कहा पिछले चार वर्षों में देशभर में 11 लाख दिव्यांगों को 600 करोड़ रूपये से अधिक की सामग्री वितरित की जा चुकी है और सात हजार कैम्प आयोजित किये गये हैं।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना पिछले वर्ष प्रारम्भ की गयी, जिसमें देश के 260 जनपदों का चयन किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 43 हजार वृद्धजनों को उनकी आवश्यकतानुसार उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं। 80 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांगों को मोटराईज ट्राई साइकिल उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक साढ़े पांच हजार पात्र लोगों को मोटराईज ट्राईसिकल दी जा चुकी है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगों को व्हील चेयर, ट्राईसाईकिल, बैसाखी, सुनने की मशीन, चश्मा एवं पढ़ने वाले बच्चों को लेपटॉप, स्मार्टफोन आदि वितरित किये जा रहे हैं।

सरकार द्वारा प्रत्येक पात्र व्यक्ति को 7500 रूपये तक की सामग्री देने का निर्णय लिया गया है। ऐसे बच्चे जो बोल व सुन नहीं सकते है, उनके उपचार के लिये सरकार अनुदान दे रही है।