हिमाचल की पांच सीटों पर साफ देखने को मिली धामी की धमक

देवभूमि उत्तराखंड ने तो बारी-बारी से कांग्रेस-भाजपा की सरकार बनाने के ट्रेंड को बदल दिया है लेकिन अब चुनाव देवभूमि से सीमा साझा करने वाली देवभूमि हिमाचल में है तो सबकी नजर इसी बात पर लगी है कि क्या हिमाचल नए ट्रेंड गढ़ता है या फिर पुराने पैटर्न को ही अपनाता है।
खैर, नतीजा जो भी हो लेकिन उत्तराखंड से लगे हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की पांच विधानसभा सीटों पौंटा साहिब, नाहन, पछाद के अलावा रेणुका जी एवं सलाई पर उत्तराखंड के सीएम धामी की धमक स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। बता दें विधानसभा पौंटा साहिब की सीमा सीधे तौर पर उत्तराखंड के विकासनगर क्षेत्र से लगती है लेकिन यमुना नदी के पार हिमाचल की पौंटा साहिब की लाखों की आबादी को अब तक कई किमी लंबा रास्ता तय कर सिखों के प्रमुख गुरुद्वारे भंगनी साहिब समेत आसपास जाने के लिए लेना पड़ता था।
हालांकि, जब उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की अगवाई में भाजपा की सरकार बनी तो सीएम धामी ने उत्तराखंड एवं हिमाचल की लाखों की आबादी के हितार्थ यमुना पर पुल निर्माण की घोषणा की। वर्तमान में इस पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है और भंगारी से लेकर आसपास की दर्जनों पंचायतों के लोग इस बात से खुश हैं कि उन्हें अब लंबा रास्ता नहीं लेना होगा। इस पुल के निर्माण से भंगानी से विकासनगर की दूरी महज 3 किमी रह जायेगी। स्थानीय मीडियाकर्मियों के मुताबिक पूर्व में इस क्षेत्र के हजारों लोगों को या तो वाया डाकपत्थर 10 से 12 किमी का रास्ता तय कर विकासनगर आना पड़ता था या फिर पौंटा साहिब से 20 से 25 किमी का लंबा रास्ता लेना पड़ता था। बता दें कि इस पूरे क्षेत्र के लिए पौंटा के मुकाबले विकासनगर ही मुख्य बाजार है। ऐसे में यमुना पर बन रहा पुल इस पूरे इलाके के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। वहीं, पौंटा के अलावा अन्य 4 सीटों पर भी धामी की धमक देखने को मिल रही है। यूं भी सीएम धामी हिमाचल चुनाव के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं।

गुरु गोविंद साहिब ने लड़ी थी भंगानी में लड़ाई
भंगानी मुख्यतः भंगानी गुरुद्वारे के लिए जाना जाता है। यहां अत्याचार अन्याय के खिलाफ गुरु गोविंद सिंह जी ने लड़ाई लड़ी थी। अत्याचार को मिटाने में इस धरती की अहम भूमिका रही।