उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर बेहतर

(एनएन सर्विस)
कोरोना के मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो। लेकिन उत्तराखंड में इन मरीजों के ठीक होने की संख्या में दिन प्रतिदिन तेजी से सुधार हो रहा है। सोमवार को छह गुणा से अधिक 93 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए। रिकवरी दर लगातार अच्छा संकेत दे रही है। सोमवार को स्वस्थ हुए मरीजों का प्रतिशत 74.40 पहुंच गया। प्रदेश में अभी तक कोरोना के 2837 मामले आए हैं। जिनमें अब तक 2111 स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।

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हालांकि अभी भी राज्य के विभिन्न अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों में 664 मरीज भर्ती हैं। यह संख्या स्वस्थ हुए मरीजों से एक तिहाई से भी कम है। कोरोना पॉजिटिव 23 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि 39 की अब तक मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को 837 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 823 निगेटिव और चैदह मामले पॉजिटिव हैं। देहरादून में दस और लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें एम्स ऋषिकेश के तीन नर्सिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। इसके अलावा ऋषिकेश के मंसादेवी, इंदिरा नगर, रेशम माजरी, मोतीचूर और मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व बिजनौर निवासी एक-एक व्यक्ति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है। इनमें छह एम्स की आइपीडी-ओपीडी में आए मरीज और एक मरीज का अटेंडेंट है।
उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिन से कम संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं संत्मित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी लगातार बढ़ रही है। जितने मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, उसके तीन गुणा ठीक हो चुके हैं। प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ जो संक्रमण दर एकाएक बढ़ी थी उसमें भी गिरावट दिखने लगी है। मौत का बढ़ता आंकड़ा जरूर चिंता का सबब बन रहा है। बता दें, उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था।