मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय में कंट्रोल रूम, त्रिवेन्द्र खुद कर रहे मानिटिरिंग

मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय में बेहतर समन्वय के लिए केन्द्रीकृत कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से मुख्यमंत्री, आवश्यकतानुसार कोविड-19 के लिए स्थापित सभी जिला कंट्रोल रूम और राज्य कंट्रोल रूम से फीडबैक प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फोन पर राज्य के विधायकगणों से बात कर उनके क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति और बचाव हेतु प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों को अपने क्षेत्र में लगातार सम्पर्क बनाए रख कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने और लॉकडाऊन में घर पर ही रहने के लिये प्रेरित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें लोगों सतर्क और सावधान करने के साथ ही उनकी आवश्यकताओं का भी ध्यान रखना है। कोई भी गरीब भूखा न रहे। बाहर से आए लोगों पर लगातार नजर रखनी है। क्वारेंटाईन किए गए लोगों में से कोई इसका उल्लंघन करता है तो तुरंत प्रशासन को जानकारी दें। अगर किसी को खांसी, जुकाम, बुखार जैसी समस्या हो तो स्वास्थ्य विभाग को सूचित करे ताकि उचित इलाज हो सके। विधायकगण अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित करें। हमारे पास केवल और केवल यही एक समाधान है कि हम सामाजिक दूरी बनाकर रखें। हम सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें। इसका स्वयं भी पालन करें और औरों को भी इसका पालन करने हेतु जागरूक करें।

वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में संत निरंकारी मंडल के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कोरोना महामारी हेतु सहायता राशि के रूप में 50 लाख रूपये का चेक सौंपा। इस मौके पर हरभजन सिंह ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर संत निरंकारी मिशन के प्रदेश में स्थित सभी सत्संग भवनों को आइसोलेशन के लिए प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन कोरोना वायरस से लड़ाई में प्रदेश सरकार की हर सम्भव सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि मिशन द्वारा जरूरतमंदों को राशन, सेनेटाइजर, मास्क इत्यादि भी वितरित की जा रही है।