दिल को छू गया सीएम का प़त्र

अभी कुछ दिन पहले की ही बात थी। चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान लिए एक बच्ची से मुलाकात हुई थी। नाम था गरिमा जोशी। चेहरे पर जितनी सौम्यता, उतना मजबूत जज्बा। 10 किलोमीटर दौड़ में स्टेट चौंपियन बनने के बाद नेशनल चौंपियन बनने का सपना संजोए थी। मुझसे बोली, मदद चाहिए। मैनें पूछा कितनी चाहिए? वो बोली 10 हजार रुपए। बहरहाल मैनें 25 हजार की मदद की घोषणा की। गरिमा ने नाम के मुताबिक प्रदर्शन किया और 11 हजार बच्चों में छठा स्थान हासिल किया।

गरिमा उत्तराखंड का गौरव बनने निकली थी। मगर दो दिन पहले इस खबर को पाकर स्तब्ध हो गया, कि गरिमा को स्पाइनल इंजुरी हुई है। दो बेटियों का पिता होने के नाते एक पिता के दर्द को महसूस कर रह था, सोचा एक पिता दूसरे पिता का सहारा बन जाए। गरिमा के पिता से बात करके भरोसा दिलाया कि हम सब आपके साथ खड़े हैं। आज गरिमा को दवा और दुआ दोनों की जरूरत है। गरिमा तुम्हें जल्दी ठीक होना है, अपने खेल के लिए, इस राज्य के लिए, परिवार के चेहरे पर मुस्कान लौटाने के लिए। आइए हम सब प्रार्थना करें कि गरिमा जल्द स्वस्थ हो।