सीएम ने हरिद्वार संवाद कार्यक्रम में राज्य के विकास की योजनाएं साझा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रेक्षागृह में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित ’’हरिद्वार संवाद’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आगामी मार्च 2022 तक अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों के आयोजनों की योजना बनाई गयी है, जिसमें लगातार नये-नये विचारों की श्रृंखला सामने आ रही है। ऐसे आयोजनों से अमृत निकलेगा, गति मिलेगी तथा रास्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी संस्कृति के उत्थान के लिये जो प्रयास किये हैं, वे अतुलनीय हैं। केदारपुरी का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि केदारपुरी में 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास हुआ है। केदारपुरी में आस्था पथ बन चुका है तथा चिकित्सालय व अतिथि गृह आदि बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं तथा तीसरे चरण के कार्यों का प्रारम्भ आगामी अप्रैल, 2022 तक हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ का मास्टर प्लान बन गया है, जिसके लिये 250 करोड़ रूपये की स्वीकृत हो चुके हैं तथा वहां भी जल्दी ही कार्य प्रारम्भ होगा।

मुख्यमंत्री ने काशी विश्वनाथ का उल्लेख करते हुये कहा कि काशी में काफी अंतर आया है। पहले गंगा घाट से रास्ता नहीं मिलता था, आज वह संकरा रास्ता, हाईवे का रूप धारण कर चुका है। आज काशी दिव्य व भव्य बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मैं 1998 के बाद विगत दिनों अयोध्या गया था, अयोध्या दुनिया के नक्शे का प्रमुख स्थान होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम राज्य स्थापना का 25वां वर्ष मनायेंगे, उस समय हमारा उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि रोज हम उत्तराखण्ड व उत्तराखण्ड की जनता के लिये फैसले ले रहे हैं तथा साथ ही उनका शासनादेश भी निकाल रहे हैं, उन योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह हम सबकी सामूहिक यात्रा है।
इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि कुछ पल ऐतिहासिक होते हैं। यह दशक उत्तराखण्ड का दशक है। केदारनाथ, बद्रीनाथ तथा काशी का कायाकल्प हुआ है। जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेतृत्व कर रहे हैं, उससे सभी उत्साहित हैं।
इस मौके पर महंत देवानंद सरस्वती, पदम, स्वामी चिदानन्द मुनि, महानिर्वाणी के महंत रविन्द्रपुरी आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।