उत्तराखंड में कोरोना प्रीकॉशन डोज का आज से अभियान शुरू

कोरोना संक्रमण के बाद अब देश, विदेश में नए वैरिएंट के आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना वैक्सीन के बाद अब नए वैरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज (प्रीकॉशन डोज) लगनी शुरू हो गई है। पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी इसकी शुरुआत 10 जनवरी से हो गई है। इसके लिए पहले 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों का टीकाकरण हो रहा है। टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां चाक-चौबंद हैं। बूथों पर 20 प्रतिशत वैक्सीन तीसरी डोज के लिए उपलब्ध है।
इसके लिए पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन में कार्य कर रहे लोगों का टीकाकरण हुआ। इस डोज को लगाने से पहले उनके पास कोरोना वैक्सीन के नौ महीने पूरे होना वाला सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है। बिना नौ महीने पूरे करने वालों को यह डोज नहीं लगाई जाएगी। यह डोज अभी 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों को लगाई जा रही है।

प्रदेश में 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था कोविड टीकाकरण अभियान
प्रदेश में 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद मार्च महीने से 60 से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया। कोरोना संक्रमण बढ़ने से केंद्र सरकार ने बुजुर्गों, हेल्थ वर्करों और फ्रंटलाइन वर्करों को प्रीकॉशन डोज के रूप में तीसरा टीका लगाने का निर्णय लिया है।
देहरादून के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप मर्ताेलिया ने बताया कि बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों को 10 जनवरी से तीसरा टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। टीकाकरण बूथों पर तीसरी डोज के लिए 20 प्रतिशत वैक्सीन अलग से उपलब्ध रहेगी। जिन लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के लिए नौ महीने या 39 सप्ताह का समय हो गया है। उन्हें ही तीसरी डोज लगाई जाएगी।

एक सप्ताह में 46 प्रतिशत किशोरों को लगी पहली डोज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के 2.88 लाख से अधिक किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जो लक्ष्य का 46 प्रतिशत है।