व्यापार जगतः व्यापारियों के पुराने मामले को तूल देने की कोशिश….

अप्रैल माह में नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के त्रिवार्षिक चुनाव संपन्न हुए। इस चुनाव में व्यापारियों के धड़ों ने एक-दूसरे पर खूब छिटाकशी की। गाली गलौच से लेकर गंभीर आरोप तक जड़ डाले। सभी को लगा था कि यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट है। मगर, चुनाव संपन्न होने के बाद अब एक बार पुनः पुराने मामले को तूल देने की बेवजह कोशिश की जा रही है।

दरअसल, प्रदेश में वरिष्ठ व्यापारी नेता व स्थानीय निवासी ने प्रदेश अध्यक्ष को एक शिकायती पत्र भेजा। जिसमें प्रतिनिधिमंडल के पूर्व जिला उपाध्यक्ष, विभिन्न सामाजिक पदों व धर्म कर्म के कार्यों में अग्रणीय रहने वाले रवि जैन पर गंभीर आरोप लगाए गए। इन्हीं वरिष्ठ व्यापारी नेता के पत्र को संज्ञान में लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने जिला अध्यक्ष नरेश अग्रवाल को एक पत्र भेजा है। इस पत्र के अनुसार रवि जैन को इस प्रदेश कार्यकारिणी के रहने तक कोई भी पद न दिया जाए। अब अगर न्यायिक दृष्टि से देखा जाए तो यह उचित नहीं है, क्यों कि प्रदेश अध्यक्ष ने दूसरे पक्ष को बिना जाने, एक तरफा कार्रवाई को अंजाम दे दिया।

अब दूसरे पक्ष यानी रवि जैन की बात करें तो उन्होंने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई का आरोप जड़ा है। बतौर रवि जैन, कार्रवाई का स्वागत करते हैं, मगर एक तरफा न की जाए। उनका कहना है कि इस मामले में जांच कमेटी बैठाई जानी चाहिए थी, जिसमें दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए। रवि जैन ने आरोप लगाने वाले प्रदेश के वरिष्ठ नेता को ही कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा उक्त व्यापारी ने सदैव प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल को तोड़ने की कोशिश की। पूर्व में स्वयंभू नेता के तौर पर अपने को प्रदेश अध्यक्ष साबित करना रहा हो या फिर चाहे छोटी सब्जी मंडी में व्यापारियों पर नगर आयुक्त के द्वारा की गई मारपीट हो। यही नहीं, अपने को प्रदेश में सम्मानजनक पद न मिलने पर कैट की शाखाएं खड़ी करने का ऐलान हो। सभी प्रकरण में उक्त व्यापारी ने प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ षडयंत्र रचा।

रवि जैन ने भी प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश के सभी नेताओं को पत्र भेजकर न्यायोचित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की मांग की है।