अयोध्या का भावविभोर दृश्य से त्रेतायुग जैसा माहौल

अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए जिस तरह से समूचे क्षेत्र को सजाया जा रहा है, यहां हर घर में उल्लास, जश्न, भजन-कीर्तन का माहौल हो रहा है। इससे त्रेतायुग जैसा माहौल बना हुआ है। शास्त्र और पुराणों में उल्लेख के अनुसार त्रेतायुग में भी कुछ इसी तरह का माहौल था। राम राज्य वाले उस युग में हर कोई प्रेम, श्रद्धा और भजन-कीर्तन में मग्न रहता था। ईश्वर को सदैव स्मरण करना वहां की दैनिक दिनचर्चा थी। न किसी को कोई भय था और न ही अत्याचार होता था। हर जगह दीपक जगमगाते थे। आज एक बार फिर अयोध्या में वैसा ही माहौल देखा जा रहा है। भूमिपूजन से पहले अयोध्या राममय है। मंदिरों में रंग-रोगन, छतों पर केसरिया पताका, दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृश्य, जगह-जगह तोरण द्वार सजाए गए हैं। 

साकेत कालेज से हनुमानगढ़ी और श्रीरामजन्मभूमि तक पीएम जिस मार्ग से गुजरेंगे वहां के दोनों तरफ घर-दुकान से लेकर धर्मस्थल तक पीले रंग से रंग दिए गए हैं। श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य कार्यक्रम स्थल को भव्य सजाया जा रहा है, इसके थाईलैंड से खास फूल मंगाए गए हैं। अवध विवि की छात्राएं फूलों-रंगों, कलश-रंगोली की कलाकृतियों से अयोध्या की मौलिकता की झांकी परिसर में सजा रही हैं। उधर, संत-धर्माचार्य और विहिप-संघ से जुड़े अतिथि अयोध्या पहुंचने लगे हैं। ट्रस्ट ने सभी अतिथियों को चार अगस्त तक कारसेवकपुरम में आने का आग्रह किया है। 
 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच अगस्त को 11 बजकर 15 मिनट पर साकेत कालेज के हेलीपैड पर उतरेंगे। यहां से हनुमानगढ़ी जाकर 7 मिनट तक पूजन करेंगे, फिर श्रीरामजन्मभूमि के गेट नं. 3 से रामलला के दगबार में 12 मिनट पूजन का कार्यक्रम है, यहां से सीधे गर्भगृह में भूमिपूजन करके राममंदिर की ईंट रखेंगे। यहां 45 मिनट तक संबोधन का कार्यक्रम भी है। वह दो घंटे से अधिक समय यहां पर रहेंगे, सूत्र बताते हैं कि पूजन के बाद हेलीपैड जाने से पहले सीएम योगी के साथ सरयूपूजन भी करने घाट तक जा सकते हैं।