जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त, एक देश एक कानून पर राज्यसभा में मुहर

सोमवार को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही राज्यसभा में राज्य पुनगर्ठन बिल के जरिए सूबे को दो हिस्सों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट कर इन्हें केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। इनमें जम्मू कश्मीर को विधायिका शक्ति वाला तो लद्दाख को बिना विधायिका शक्ति वाला केंद्रशासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव है।

बिल पर राज्यसभा ने सोमवार को ही मुहर लगा दी है। अब मंगलवार को लोकसभा में बिल पर मुहर लगते ही जम्मू कश्मीर न सिर्फ विशेष राज्य का दर्जा खो देगा, बल्कि पूर्ण राज्य के रूप में इसका अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा। सोमवार को जब गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370(1) में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए इस अनुच्छेद के अन्य सभी खंडों को निरस्त करने का संकल्प पेश किया तो पूरा सदन हक्का बक्का रह गया।

इसके साथ ही जब शाह ने राज्य पुनगर्ठन बिल के जरिए राज्य को दो हिस्सों में बांटने, पूर्ण राज्य की जगह इन्हें केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने संबंधी प्रस्ताव रखा तो सदन में एकबारगी भूचाल आ गया। शाह ने संकल्प और बिल पेश करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 में समय समय में संशोधन होता रहा है। अब जरूरी है कि राज्य से आतंकवाद के खात्मे और विकास के लिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए।

ये होंगे महत्वपूर्ण बदलाव
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू होगी भारतीय दंड संहिता
राज्य का अपना अलग संविधान खत्म
राज्य का अलग झंडा भी नहीं रहेगा
छह साल की जगह अन्य राज्यों की तरह 5 साल का होगा विधानसभा का कार्यकाल
पूर्ण राज्य और विशेष राज्य का दर्जा होगा खत्म
दो नए केंद्रशासित प्रदेशों का होगा उदय
पूर्ण राज्य की संख्या 29 से घट कर होगी 28
चंडीगढ़ की तरह बिना विधायिका शक्ति वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा लद्दाख

इन्होंने किया समर्थन
राज्य पुनगर्ठन बिल का राजग के इतर बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया।

इन्होंने किया वाकआउट
कांग्रेस, डीएमके ने किया विरोध तो सहयोगी जदयू, सपा ने किया वाकआउट।