कृषि सुधार कानून किसानों के व्यापक हित मेंः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाए गए कानून है। कृषि विज्ञानी स्वामीनाथन कमीटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही किये जाने की लम्बे समय से मांग की जा रही थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर यह कानून बनाये गये हैं जो किसानों के व्यापक हित में हैं। इसमें किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं, पहले केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी, आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में किसानों को बरगलाना उचित नहीं है। देश में खाद्यान्न के क्षेत्र में स्वावलम्बन एवं हरित क्रांति लाने के लिए कृषि क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा अवसंरचना निर्माण हेतु एक लाख करोड़ रूपये की कोष की स्थापना की गई है तथा किसाने की आर्थिक बेहतरी के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागु की गई है जिसमें 6000 रूपये प्रतिवर्ष किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। एमएसपी पर खरीद को लगातार सुढ़ढ किया गया है। इससे किसानों को खेती, बीज व पानी की आधुनिक तौर तरीके की सुविधा उपलब्ध हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दुगुनी करने का जो भारत सरकार का लक्ष्य रखा गया है उसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों को मण्डी के साथ ही कहीं भी उत्पादों को बेचने की आजादी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में औद्यानिक फसले ज्यादा है। प्रदेश में उधम सिंह नगर की कुछ घटनाओं को छोड़कर किसानों द्वारा कही भी प्रर्दशन नही किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से उनके द्वारा वार्ता कर उनकी समस्या का समाधान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एमएसपी समाप्त करने के सम्बन्ध में किसानों में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है जबकि एमएसपी कही भी समाप्त नही की जा रही है। किसानों का एमएसपी पर धान क्रय किया गया है तथा एमएसपी पर क्रय की व्यवस्था जारी है, इसके बावजुद भी किसानों को भ्रमित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के वास्तवित हित के लिए केन्द्र हो या राज्य सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी गन्ना मिलों द्वारा गन्ना किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाईन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानो को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 03 लाख तक का ऋण एवं किसानों समुहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में लौटे प्रवासियों में से 30 प्रतिशत ने खेती में रूचि दिखाई है। इससे वर्षों से ऐेसे खेतों में खेती शुरू हुई है जो बंजर पड़े थे। ऐसे लोगों के लिए स्वरोजगार के लिए अनेक योजनाये चलाई गई है। इसके लिए जिला योजना में भी 40 प्रतिशत धनराशि जिसका योग 250 करोड़ होता है, प्राविधानित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन को लेकर राज्य में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस संवेदनशील कार्य के लिए कूल चैन की जरूरत है उसके लिए आवश्यक उपकरण जनवरी तक राज्य को उपलब्ध हो जायेंगे। कूल चैन स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है इसके लिए अनुभवी टीम हमारे पास है। वैक्सीन आते ही इसको लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जायेगा।