कास्टिंग काउच संस्कृति का बचाव करने के बाद सरोज खान ने मांगी माफी

पूर्व राज्यसभा सदस्य व कांग्रेसी नेता रेणुका चौधरी अपने बड़बोले बयान के लिये मशहूर है। ऐसा ही एक और बड़ा बयान उन्होंने दिया है। उन्होंने कास्टिंग काउच पर कहा कि सिर्फ फिल्म उद्योग ही नहीं, बल्कि सभी कार्यस्थलों की सच्चाई है। उन्होंने कास्टिंग काउच को संसद से जोड़ते हुये कहा कि संसद भी इससे अछूती नहीं है।

पत्रकार वार्ता के दौरान रेणुका चौधरी ने कहा यह कड़वी सच्चाई है। यह सिर्फ फिल्म उद्योग में ही नहीं है। यह कार्यस्थलों पर भी हर जगह होता है। यह मत सोचिए कि संसद इससे अछूती है या कोई अन्य कार्यस्थल इससे बचा हुआ है। अगर आज आप पश्चिमी दुनिया की ओर देखें तो स्थापित शीर्ष अभिनेत्रियों ने भी ‘मी टू’ (मैं भी) कहने में काफी समय लिया। अब समय आ गया है कि भारत भी आगे आकर कहे- मी टू।

यहां आपको बताना जरूरी हो जाता है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुयी सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर रेणुका चौधरी ने अपने बयान में कहा था कि दुष्कर्म तो चलते ही रहते हैं। मालूम हो कि दक्षिण भारत की एक संघर्षरत अभिनेत्री रेड्डी के हाल ही में दिए गए बयान की वजह से कास्टिंग काउच पर काफी बहस हो रही है।

बॉलीवुड की कोरियोग्राफर सरोज खान ने कास्टिंग काउच संस्कृति का बचाव करने संबंधी अपने बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा था इंडस्ट्री में लड़की को दुष्कर्म करके छोड़ नहीं देते, रोजी-रोटी भी देते हैं। इसलिए सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के पीछे नहीं पड़ना चाहिए। ये सारी चीजें लड़की के ऊपर है कि वह क्या करना चाहती है। तुम ऐसे लोगों के हाथ में नहीं आना चाहते तो मत आओ। तुम्हारे पास कला है तो खुद को इंडस्ट्री में बेचने की क्या जरूरत है।