उपलब्धिः नैनीताल के 13 वर्षीय विपुल जोशी ने गैरी एडवेंचर उपन्यास की अंग्रेजी में की रचना

कहते हैं प्रतिभा हर उम्र में होती है, नजरिया चाहिए। यही बात कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले के 13 वर्षीय विपुल जोशी पर सटीक बैठती है। जी हां विपुल जोशी आज की तारीख में ऐसा चर्चित नाम है, जो बड़े से बड़ा अंग्रेजी में विद्वान व्यक्ति ही कर पाता है। दरअसल, विपुल जोशी में अपनी उम्र से बढ़कर जो काम किया है। उन्होंने मात्र 13वें वर्ष की आयु में ही गैरी एडवेंचर उपन्यास को अंग्रेजी में रच डाला। विपुल की इस उपलब्धि से न सिर्फ परिवार, कुमाऊं मंडल में प्रशंसा हो रही है, बल्कि पूरे प्रदेश में उनकी सराहना की जा रही है।

विपुल जोशी के चाचा कमल जोशी ने बताया कि अमरता का अमृत यानी अंग्रेजी में गैरी एडवेंचर उपन्यास लिखा है। वह नैनीताल में सेंट जोसेफ स्कूल में आठवीं कक्षा में अध्ययनरत है। मूल रूप से ग्राम डुंगराकोट देवीधुरा जिला चंपावत के रहने वाले विपुल जोशी अभी नैनीताल के मल्लीताल में रहते है। उनके पिता उच्च न्यायालय नैनीताल में रिवेन्यू आफिसर है, जबकि माता सुनीता जोशी बगड़ नैनीताल में अंग्रेजी की अध्यापिका है। चाचा के अनुसार, विपुल आगे भी अन्य उपन्यास की रचना अंग्रेजी में करना चाहते है।

विपुल की तरह चाचा भी अपने कार्यक्षेत्र में हैं दक्ष
विपुल की तरह उसके चाचा कमल जोशी भी अपने कार्यक्षेत्र में पूरी तरह से दक्ष है, कमल जोशी उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत है, वर्तमान में उनकी तैनाती ऋषिकेश कोतवाली में एसओजी में हैं। कमल जोशी ने पूरी तन्मयता के साथ ऋषिकेश में घटे अपराधों का खुलासा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में कई जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई। यही नहीं, कोरोना काल में लाॅकडाउन के दौरान चाचा की भूमिका सबसे अलग रही। किसी बुजुर्ग के घर दवाई पहुंचानी हो या बच्चों को पाठ्य सामग्री, या फिर आक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोग हो। दो वक्त के भोजन से लेकर बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने तक कमल जोशी का अहम योगदान रहा।