सूचना अधिकार अधिनियम मे तहत 43 प्रकरणों में पांच लाख रूपये की क्षतिपूर्ति हुई आरोपित

उत्तराखण्ड सूचना आयोग के सभागार में मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा द्वारा प्रेस वार्ता की गयी। इस अवसर पर नवनियुक्त राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट तथा आयोग के सूचना आयुक्तगण विवेक शर्मा, विपिन चन्द्रा, अर्जुन सिंह उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा द्वारा योगेश भट्ट का परिचय देते हुए अवगत कराया गया कि वह उत्तराखण्ड राज्य के एक प्रसिद्ध पत्रकार हैं तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी गयी है। बताया कि भट्ट एक बेबाक एवं निष्पक्ष पत्रकार के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं तथा उनके द्वारा प्रेस क्लब, देहरादून का अध्यक्ष रहते हुये अपने कर्तव्यों का सत्यनिष्ठा के साथ निर्वहन किया गया है। मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा कहा गया कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि श्री भट्ट के द्वारा सूचना आयुक्त के रूप में सूचना का अधिकार अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप पूर्ण मनोयोग से कार्य करते हुये जनसामान्य की सूचना तक पहुंच को सुनिश्चित कराया जायेगा।

मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा द्वारा इस अवसर पर आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त अपीलों व शिकायतों के पंजीकरण एवं निस्तारण की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया गया कि माह जनवरी 2022 से माह नवम्बर 2022 तक की अवधि में आयोग द्वारा कुल 3960 सुनवायी की गयी, जिसमें से कुल 2631 वादों को निस्तारित किया गया।

इस अवधि में दोषी लोक सूचना अधिकारियों को दंडित करते हुए 43 प्रकरणों में लगभग 5 लाख रूपये की शास्ति/क्षतिपूर्ति भी आयोग द्वारा आरोपित की गयी।

माह नवम्बर, 2022 में आयोग द्वारा कुल 442 सुनवायी कर कुल 269 वादों को निस्तारित किया गया।

दिनांक 30.11.2022 को आयोग में कुल 2236 प्रकरण सुनवायी हेतु लम्बित हैं।

विभागों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष 10-12 प्रतिशत प्रथम अपील की गयी है।

इसी प्रकार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष आयोग में मात्र लगभग 4 प्रतिशत द्वितीय अपील ही प्राप्त हुयी हैं।

मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा 90 प्रतिशत सूचना आवेदन पत्रों के अपने स्तर पर निस्तारण किये जाने के लिए करे गये प्रयासों की सराहना की गयी।

मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यों / प्रयासों की भी सराहना की गई जिनके द्वारा अपने स्तर पर प्राप्त 60 प्रतिशत अपीलों का निस्तारण किया गया।

तथापि मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सभी लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों कि वे सूचना आवेदन पत्रों / प्रथम अपीलों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें जिससे कोविड काल के कारण लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो सके।

मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा कहा गया कि आवेदनकर्ता को समय से सूचना दिलाने से उनके विभाग एवं सरकार की छवि और अधिक उज्जवल होगी, साथ ही सूचना आवेदनकर्ताओं को संतुष्टि भी प्राप्त होगी।

मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम का अधिक से अधिक लाभ लेने का भी अनुरोध किया।