त्रिवेन्द्र के 11 बड़े फैसले, आप भी जानें और इनसे लाभ उठाने का प्रयास करें

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार ने तीन वर्षों में कई ऐसे फैसले लिए है जो जनता के हित के साथ ही जनभावनाओं के लिए बेहद जरुरी थे। इनमें 11 फैसले तो सीधे जनता से जुड़े हुए है। जिनका लाभ बड़ी संख्या में राज्य के लोगों को मिल रहा है या आने वाले समय में मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते है। रोजगार और स्वास्थ्य के विषय में मुख्यमंत्री ने बड़े और दूरगामी फैसले लिए है।
मीडिया सलाहकार इन 11 बड़े फैसलों की दे रहे है जानकारी-

’11 बड़े फैसले’

’1. जनभावनाओं की राजधानी’: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को राज्य जी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके जनभावनाओं का ख्याल रखा।

’2. चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठित’: चार धाम यात्रा के सफल व बेहतर प्रबंधन के लिए चार धाम देवस्थानम बर्ड का गठन किया गया। इससे बद्री केदार, गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा 51 बड़े मंदिरों के रखरखाव व प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार को मिली।

’3 अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’: आयुष्मान भारत की तर्ज पर प्रदेश के समस्त परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने हेतु अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना लागू की गई। अपने राज्य के समस्त परिवारों को सुरक्षा कवच देने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बना। अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मुफ्त उपचार करवा चुके हैं।

’4. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार’ : साल 2017 में प्रदेश में 1031 डॉक्टर थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 2600 के करीब हो गई है। 400 डॉक्टरों को केवल कोरोना काल मे ही नियुक्ति दी गई है। हर जिला अस्पताल में प्ब्न् की सुविधा है। दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को लाभ देने के लिए 35 अस्पतालोंध्केन्द्रों में टेली मेडिसिन सुविधा शुरू की गई है।

’5. ग्रोथ सेंटर’: ग्रामीण संसाधनों से लोकल इकोनॉमी जुटाने का तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए करीब 100 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।

’6. सभी 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। टिहरी झील, गूलरभोज जलाशय, ट्यूलिप गार्डन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।

’7. होम स्टे’: ग्रामीण पर्यटन को मजबूत करने के लिए राज्य में 5000 होमस्टे बनाने का लक्ष्य है, जिसमे से अभी तक 2100 होमस्टे बनाये जा चुके हैं।

’8. इन्वेस्टर्स समिट’ : राज्य में उद्योगों और निवेश को विस्तार देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा लागू है। 2018 में राज्य में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ जिसमें सवा लाख करोड़ के डवन् साइन हुए। इनमें से भी अब तक 21 हजार करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट ग्राउंडेड हो चुके हैं।

’9. फिल्म पॉलिसी’: उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को देखते हुए फिल्म नीति लाई गई। इससे फिल्मकारों को कई तरह की रियायतें दी जा रही हैं। पिछले 3 साल में राज्य में 250 से अधिक फिल्मों व सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।

’10. कोरोना से लड़ाई’ : उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। लॉकडाउन पीरियड में कोई भूखा नहीं रहे इसका ख्याल रखा, प्रदेश में रह रहे अन्य प्रदेशों के मजदूरों को कभी भूखा नहीं सोने दिया, उनको उनके घर तक पहुंचाने के पर्याप्त इंतजाम किए। अन्य राज्यों से प्रवासी उत्तराखण्डियों को लाने के लिए भी सभी व्यवस्थायें की।

कोरोना काल मे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। आज राज्य में कोरोना मरीजों की देखभाल व इलाज के लिए 5 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 10 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर व 94 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।

राज्य में आईसीयू की संख्या को 62 से बढ़ाकर 251 किया गया है। वेंटीलेटर्स कि संख्या को 37 से बढ़ाकर 113 किया गया है। बाइपैप मशीनों की संख्या 4 से बढ़कर 33 की गई है।

’11. मुख्यमन्त्री स्वरोजगार योजना’ : कोरोना के कारण घर लौटे प्रवासियों को घर मे काम देना हमारी प्राथमिकता है। हम राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना चाहते हैं इसलिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत अपना कोई भी काम शुरू करने के लिए ऋण लेने पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।