नबार्ड वित्त पोषित नई योजनाओं को 102 करोड़ रूपए की मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के साथ सिंचाई विभाग के अन्तर्गत नाबार्ड वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा की। नाबार्ड वित्त पोषित नवीन विभिन्न योजनाओं हेतु 102 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। नाबार्ड वित्त पोषित नवीन 16 योजनाओं में पौड़ी जनपद के ग्राम खैरासेंण में पूर्वी नयार नदी पर बहुद्देशीय जलाशय का निर्माण, कर्णप्रयाग में अलकनन्दा नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा का कार्य, देहरादून के सहसपुर विकासखण्ड के सभावाला की गढ़वाली बस्ती में पुस्ते का निर्माण एवं अन्य जनपदों में बाढ़ सुरक्षा, नहरों एवं नलकूपों के निर्माण, लिफ्ट सिंचाई योजना एवं अन्य कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न जनपदों के लिए राज्य सैक्टर के अन्तर्गत नाबार्ड वित्तपोषित योजना के तहत नहरों एवं नलकूपों के जीर्णोद्धार एवं निर्माण, बाढ़ सुरक्षा योजना, एवं अन्य कार्यों के लिए 52 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इन योजनाओं के पूर्ण होने पर नदी क्षेत्रों से होने वाले भू-कटाव को रोकने में मदद मिलेगी। विभिन्न पेयजल योजनाओं एवं नहरों के निर्माण से पेयजल आपूर्ति एवं सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। इस परियोजना से 2050 तक की देहरादून शहर व आस-पास के क्षेत्रों में ग्रेविटी आधारित पेयजल की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस बांध का शिलान्यास होने के बाद एक साल के अन्दर इसका निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा। सौंग बांध बनने से इस क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि नाबार्ड के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक के लिए 1530.42 करेड़ रूपये की कुल 397 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। जिसमें से 759.90 करोड़ रूपये की 198 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 770.52 करोड़ की 199 योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। जिसमें से 365.90 करोड़ की लागत के कार्य हो चुके हैं। वर्ष 2020-21 के लिए भी 99.26 करोड़ रूपये जारी हो चुके हैं। जिन योजनाओं पर कार्य चल रहा है उनमें नलकूप निर्माण, नहर निर्माण एवं बाढ़ सुरक्षा से संबंधित योजनाएं हैं। नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 74 योजनाएं पूर्ण करने का लक्ष्य है।