सेना में बेटियों की भागीदारी देशहित मेंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शनिवार को श्रीनगर (पौड़ी) में सशस्त्र सीमा बल केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र के 11वें बुनियादी रंगरूट प्रशिक्षण कोर्स के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने परेड का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सेना में बेटियों की बढ़ती भागीदारी को देशहित में बताया। उन्होंने कहा कि सेना में बेटियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे को साकार कर रहा है। मुख्यमंत्री ने रंगरूट प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रशिक्षुओं को ट्राफी देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा लिखी गई देवभूमि पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज का दिन हमारे जवानों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर तथा हम सब के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि अपने सैन्य बलों पर हमें गर्व है। ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए उनकी उत्सुकता बनी रहती है।

गढ़वाल और जम्मू कश्मीर का श्रीनगर एक हुए
उन्होंने कहा कि हमारे लिए एवं अर्द्ध सैनिक बल के लिए यह सम्मान की बात है कि एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारी कर जम्मू कश्मीर के युवक व युवतियां यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस जा रहे हैं। यह गढ़वाल का श्रीनगर है वहां जम्मू कश्मीर का श्रीनगर है। आज दोनों श्रीनगर एक हुए हैं। यह गढ़वाल की पूर्व राजधानी है। वह जम्मू कश्मीर की वर्तमान राजधानी है। कश्मीर को देश का सिरमौर भी कहा जाता है।

मुख्यमंत्री ने यहां से प्रशिक्षण लेकर जाने वाले प्रशिक्षुओं के परिवार वालों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं की मजबूती से ही हमारा देश सुरक्षित है। सीमान्त क्षेत्रों के युवक व युवतियां यहां से प्रशिक्षण लेकर जा रहे हैं, इससे हमारी सीमाओं को और अधिक ताकत मिलेगी तथा हमारी सीमाएं और अधिक मजबूत होंगी।

भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान की संवेदनशील सीमाओं की जिम्मेदारी भी सीमा सशस्त्र बल पर है। उन्होंने कहा कि एसएसबी सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ अनेकों अन्य दायित्वों का निर्वहन भी पूरी तत्परता से कर रहा है। विगत वर्षों में सशस्त्र सीमा बल ने विभिन्न राज्यों के हुये चुनाव को सुरक्षित व शांतिपूर्ण निभाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र सीमा बल के ये 101 नव प्रशिक्षु जवान अपनी सीटीसी में आधारभूत प्रशिक्षण के मध्य सीखी गई अनूठी सैन्य विधाओं का प्रयोग करते हुए भारत-नेपाल व भारत- भूटान सीमाओं की रक्षा में भारत माता और अपने बल का नाम शिखर पर पहुंचाएंगे।

सीएम बोले कि देव भूमि में बसी इस सीटीसी में 44 सप्ताह का प्रशिक्षण ग्रहण करते समय यहां की मनोहर प्रकृति ने आपको अवश्य प्रेरणा दी होगी। निश्चय ही सैन्य प्रशिक्षण की इन विधाओं में दक्ष इस सीटीसी के सभी प्रशिक्षक बल कर्मी और उप महानिरीक्षक तथा महानिरीक्षक बधाई के पात्र हैं। इन्हीं के अथक प्रयासां के परिणामस्वरूप राष्ट्र सुरक्षा का सुदृढ़ प्रतिमान यहां तैयार किया जा रहे हैं। 44 सप्ताह की इस प्रशिक्षण अवधि में विभिन्न प्रशिक्षणों में सर्वोत्तम रहे प्रशिक्षुओं को उन्होंने विशेष रूप से बधाई दी। जिनकी अद्वितीय क्षमता ने उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हितेंद्र कुमार, डोली देवी, सुमन लता, कमर इकबाल तथा शुभम वर्मा प्रशिक्षुओं को ट्राफी देकर सम्मानित किया। प्रशिक्षुओं को देश की अखंडता और एकता की शपथ दिलाई। समारोह में एसएसबी जवानों द्वारा बैंड, मार्च पास्ट व घुड़सवार प्रतिस्पर्धा समेत विभिन्न करतब आयोजित किये गये। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा लिखी गई देवभूमि पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया।