विजिलेंस ने किया डा. मृत्युंजय मिश्रा को गिरफ्तार

आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा की शासन में खुली जांच के बाद भ्रष्टाचार व जालसाजी की पुष्टि हो गई। जिस पर विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की तीन टीमें मिश्रा के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2013 से 2017 तक तैनाती के दौरान से ही डा.मृत्युंजय मिश्रा का विवादों से नाता रहा है। कुल सचिव रहते हुए मिश्रा पर नियम विरुद्ध नियुक्तियां और लाखों रुपये की खरीदारी करने के गंभीर आरोप लगे। मिश्रा पर लगे इन आरोपों की शासन ने विजिलेंस से खुली जांच कराने के आदेश दिए। विजिलेंस निदेशक एडीजी राम सिंह मीना ने बताया कि जांच में विवि के धन का दुरुपयोग की पुष्टि हुई। मिश्रा ने विवि के 32 लाख 15 हजार अपने बैंक खातों में ट्रांसफर किए। इसके अलावा विवि को सामान की आपूर्तिकर्ता फर्म के साथ साठ-गांठ कर स्वयं और अपने परिजनों के खातों में नकद व बैंक ट्रांजेक्शन के जरिये 68 लाख दो हजार ट्रांसफर कराने की पुष्टि हुई है।

विजिलेंस ने इसी आधार पर 17 नवंबर को मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने बताया कि विजिलेंस की टीम लगातार मिश्रा पर नजर बनाए हुई थी। सोमवार को मौका पाते ही ईसी रोड से मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। मिश्रा से पूछताछ जारी है। विजिलेंस की तीन टीमों ने देर रात तक मिश्रा के घर, आयुर्वेद विवि और अमेजन ऑटोमेशन फर्म के दफ्तर में छापेमारी करती रही।

इनके खिलाफ भी मुकदमा होना तय
एसपी विजिलेंस प्रमोद कुमार ने बताया कि खुली जांच में जो गड़बड़ी मिली है, उसमें कई लोगों की संलिप्तता है। मुख्य आरोपित मृत्युंजय मिश्रा के अलावा उनकी पत्नी श्वेता मिश्रा, अमेजन ऑटोमेशन फर्म की संचालिका शिल्पा त्यागी, क्रिएटिव इलेट्रॉनिक्स फर्म की नूतन रावत और ड्राइवर अवतार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। विजिलेंस इनकी भूमिका की जांच कर रही है।