मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरूवार को थानों में स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर आजादी के आन्दोलन में प्रतिभाग करने वाले 12 सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरि सिंह सोलंकी, किशन सिंह, भूरिया सिंह, बुद्वि प्रकाश, पंचम सिंह कृषाली, देव नारायण, सैनपाल सिंह भिडोला, पदम सिंह सौलंकी, सूरत सिंह चैहान, गौरीश वर्मा, बांकेलाल गर्ग, मदन सिंह रावत के आश्रित शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृतियों से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। जिन्होंने देश की आजादी में अहम योगदान दिया। स्वतंत्रा संग्राम सेनानी हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। देश की आजादी के लिए दिया गया उनका बलिदान एवं योगदान हमारी नई पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करेगी और देश की रक्षा के लिए हमें जब भी जरूरत पड़ेगी इन स्वतंत्रता संग्राम सैनानियो के साहस से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रा संग्राम सैनानियों की स्मृतियों को संजोने के लिए थानों में पानी की टंकी एवं विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि थानों एवं रायपुर अस्पताल को एम्स को दिया है। इन अस्पतालों में एम्स ऋषिकेश द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इन अस्पतालों में सेवाएं शुरू करने के लिए एम्स ऋषिकेश को प्रस्ताव भेजा गया है। एम्स में जल्द ही दो सहायकों की नियुक्ति की जा रही है, जो मरीजों को स्वास्थ्य सम्बधी सुविधाओं के बारे में जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में विकास से संबधित प्रमुख कार्यों बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रस्ताव भेजे जाए, उनका जल्द समाधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर्रावाला में 300 बैड का जच्चा बच्चा अस्पताल खोला जायेगा। जिसका जल्द ही शिलान्यास किया जायेगा।
विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया है, उनके परिजनों की समस्याओं का निराकरण करना हम सबका दायित्व है। विधान सभा अध्यक्ष ने वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हे साहस एवं पराक्रम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अपने इन वीर सेनानियों का सम्मान करना भी हम सबका दायित्व है, इन वीर सैनानियों के सिद्वांत एवं कर्तव्य निष्ठा सदैव हमें प्ररेणादायी रहेगी।