जम्मू श्रीनगर में सीआरपीएफ के काफिले में आतंकी हमले, 44 शहीद 44 घायल

जम्मू श्रीनगर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों ने विस्फोट कर दिया। विस्फोट में 44 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए, जबकि 44 ही घायल हो गए है। घायल जवानों को बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के पीछे जैश ए मोहम्मद के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास का हाथ बताया जा रहा है।

अपरान्ह करीब सवा तीन बजे जब यह काफिला दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोर) के पास पहुंचा तो अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी। आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ जवानों की एक बस के सथ टक्कर मार दी। इसके बाद वहां जोरदार धमाके की आवाज आई और कार धू-धू कर सड़क पर जलने लगी। बस के एक हिस्से में भी आग की लपटें निकलने लगी।

काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए और उनमें सवार जवान जब बाहर निकल रहे थे, तो इस दौरान उन पर गोलियां भी दागी गई। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। जवाबी फायर पर आतंकी वहां से भाग निकले। आतंकी हमले का निशाना बनी बस सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की है।

विभागीय अधिकारियों ने दी जानकारी के अनुसार 12 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ा। 11 अन्य जवानों की अस्पताल में शहादत पाई। विस्फोट की सूचना मिलते ही राज्य पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के आलाधिकारी भी अपने दल बल समेत मौके पर पहुंच गए।

10वीं पास था आतंकी आदिल अहमद
कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद उर्फ कमांडो उर्फ वकास दक्षिण कश्मीर के गुंडीबाग, काकपोरा, पुलवामा का रहने वाला था। वह बीते साल अप्रैल माह के दौरान ही आतंकी संगठन में सक्रिय हुआ था। 21 वर्षीय आदिल 10वीं पास था और सुरक्षाबलों ने उसे सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध कर रखा था। उसके ऊपर तीन लाख का इनाम था। बताया जा रहा है कि विस्फोट के दौरान उसकी भी मौत हो गई है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी घटना की कड़ी निंदा की है, उन्होंने शहीद जवानों की आत्मशांति की कामना की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना भी की। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में शहीद परिवारों के साथ सरकार खड़ी है।